दोस्तों आज इस पोस्ट से हम जानेंगे की कैसे हम अपनी MISCONCEPTION ( गलत धरना या सोच) की वजह से इंग्लिश बोलने का CONFIDENCE जुटा नहीं पाते और जितना हमे KNOWLEDGE होता है उतना भी नहीं बोल पाते।
हम में ENGLISH SPEAKING का CONFIDENCE हमेशा रहता है, पर हम अपनी गलत सोच या पूर्वधारणा (PRE-CONCEPTION) की वजह से CONFIDENCE होते हुए भी नहीं बोलते है .........
हम में ENGLISH SPEAKING का CONFIDENCE हमेशा रहता है, पर हम अपनी गलत सोच या पूर्वधारणा (PRE-CONCEPTION) की वजह से CONFIDENCE होते हुए भी नहीं बोलते है .........
हाँ मैं फिर कह रहा हूँ की --हम बोलते नहीं है ,,,,ये नहीं कहा की ---हम बोल नहीं पाते
आइये जाने कैसे ! चलिए मैं आपको कुछ SENTENCES देता हूँ जो आपने दो अलग-2 SITUATIONS में बोलने हैं।
WHAT IS YOUR NAME ?
WHERE DO YOU LIVE ?
WHO LOVES YOU MORE : FATHER OR MOTHER ?
IN WHICH CLASS DO YOU STUDY ?
DO YOU LIKE CHOWMIN ?
HOW IS YOUR LIFE GOING ON ?
WHEN DO YOU SLEEP AT NIGHT ?
WHEN DO YOU WAKE UP ?
DO YOU WATCH CARTOON ?
SITUATION 1 : यह SENTENCES आपको CLASS 3rd या उस से छोटी क्लास के बच्चो के साथ बोलने हैं।
SITUATION 2 : यही SENTENCES अब आपको अपने दोस्तों के साथ बोलने हैं या किसी SENIORS के साथ ।
दोनों SITUATIONS में बोलते वक़्त आप देखेंगे की आप 1st SITUATION में अपने को ज्यादा COMFORTABLE पाते हैं और बड़ी आसानी से 1st SITUATION में यह SENTENCES बोल लेते हैं।
जबकि यही SENTENCES आप अपने दोस्तों या सीनियर्स के साथ बोलने में HESITATE (हिचकते हैं) और अटकते भी है और UNCOMFORTABLE भी हो जाते हैं।
ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि आप अपने MIND में पहले से ही धारणा बना लेते हैं की बड़े या आपके दोस्त आपकी इंग्लिश स्पीकिंग में MISTAKES निकाल सकते हैं (जो कभी न हुआ और न होता है ) , जबकि छोटे बच्चे ये करने में असफल हो जायेंगे , यही पूर्वधारणा (PRE-CONCEPTION) आपको इंग्लिश स्पीकिंग करने से रोकता है।
जो लोग इस धारणा या सोच को न रखते हुए ENGLISH SPEAKING करते हैं वो दोनों SITUATIONS में एक जैसी ENGLISH बड़ी आसानी से बोल लेते हैं।
उनके लिए ये ज्यादा IMPORTANT नहीं होता की सामने कौन है , उनके लिए ज्यादा IMPORTANT ये होता है की उन्हें बोलना क्या है और आपके लिए भी यही ज्यादा IMPORTANT होना चाहिए , तभी आप हर इंसान के सामने एक जैसी इंग्लिश बोल पाओगे।
हमारे अंदर इंग्लिश बोलने का CONFIDENCE हमेशा रहता है पर हम सामने वाले को अपने से SUPERIOR समझ के ही ENGLISH नहीं बोलते है , जबकि हम ये बात कभी नहीं सोचते कि दूसरा इंसान हमे कभी इंग्लिश बोलते हुए टोकेगा नहीं।
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