Sunday 27 July 2014

करे अपनी VOCABULARY STRONG एक TIP में

FRIENDS इस से पहले कुछ POSTS में हमने VOCABULARY ( शब्द-ज्ञान ) के बारे में कुछ पहलु जाने थे ,,,आज इस POST के जरिये हम VOCAB से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण पहलुओं को DISCUSS करेंगे।

आइये कुछ QUESTIONS से शुरू करते हैं 

Q. 1  FRIENDS आप में से कितने लोग हैं जो ENGLISH WORDS का MEANING याद रख के भूल जाते है ?


Q. 2  और ऐसे कितने है ,,,जिन्हे MEANING तो याद रहता है ,,,पर ENGLISH SENTENCE में FIT  नहीं कर पाते , मेरा मतलब है की उस WORD से सही SENTENCE नहीं बना पाते हैं।  

ऐसे लोग काफी होंगे जो ऊपर दी हुई दोनों समस्याओ से रोज रू-बरु  होते होंगे।

आइये इन PROBLEMS के कारण (CAUSES) जानते है और फिर इन PROBLEMS के SOLUTIONS को DISCUSS करते है।

CAUSE  : कारण  :::  

ENGLISH WORDS के MEANING को भूल जाने  का कारण वही है ,,जो MATHS के पुराने फॉर्मूले भूल जाने का कारण है और वो है ,,,हमने जैसे MATHS के फॉर्मूले सिर्फ और सिर्फ EXAMS पास करने के लिए पढ़े थे ,,वैसे ही  ENGLISH में  WORDS-MEANINGS (VOCAB) हमने EXAMS पास करने के लिए किये थे।

CAUSE  : कारण ::

ENGLISH WORDS का MEANING जान ने के बावजूद भी सही SENTENCE न बनाने का कारण यही है ,कि  जब जब हमने किसी भी WORD का MEANING जाना तो उसका MEANING  जान के ही संतुस्ट (SATISFIED ) हो गये , कभी उस WORD को SENTENCE  बनाने में कैसे USE  करेंगे ये नहीं जाना और न ही रूचि दिखाई जान ने में।


SOLUTION  

हम ENGLISH WORDS के MEANING को तब तक ही याद रख पाते हैं , जब तक हम उस WORD का REGULAR USE  करते रहते है ,,

WORDS  का REGULAR USE  तीन तरीको से होता है : :

REGULAR READING ( Newspaper / Magazines / Novels / Non-course Books etc. ) 

REGULAR SPEAKING ( Speaking with Teachers / Formal people , Friends or Colleagues ) 

REGULAR WRITING ( Writing Stories or Doing Any Writing work  )

ऊपर दिए हुए तीन तरीको में से जो भी कम से कम  एक तरीका आपको अपने लिए सही लगता हो ,,,चुन ले और फिर उस तरीके पर REGULAR काम करें ,,,कुछ ही दिनों में आपकी VOCABULARY बहुत STRONG हो जाएगी।

मै आप लोगो को REGULAR READING की ADVICE दूंगा ,,,,क्यूंकि ये सबसे सरल तरीका है और दूसरी बात इस तरीके को चुन ने से आपका KNOWLEDGE भी बड़ेगा।

आज के दौर में आप REGULAR READING कई तरीको से कर सकते हो ,,,,BOOKS (offline ) से या E-Books (INTERNET / Online ) से।

मेरा मानना है कि  REGULAR READING बाकी दो तरीको ( REGULAR SPEAKING & REGULAR WRITING ) से काफी आसान है, क्यूंकि SPEAKING के लिए आपको किसी का साथ चाहिए (जो हर समय POSSIBLE नहीं है ) और WRITING के लिए आपको लिखने का INTEREST होना चाहिए।


सबसे IMPORTANT बात ये है , कि  आप में से जो कोई भी ENGLISH IMPROVE करना चाहता है , तो चाहे वो उसके लिए कोई भी प्रयास करे जैसे  : : Joining English Institute , Watching English Movies or Talking with Friends .....,,,, पर READING को अपनी LIFE की PERMANENT HABIT बना ले। 










Saturday 19 July 2014

FORM OF VERBS पर पाये पूरा CONTROL : सिर्फ एक TIP में


FORM  OF  VERBS  पर   पाये  पूरा  CONTROL  : 
सिर्फ एक TIP में 


FRIENDS जब भी FORMS OF VERBS की बात होती है ENGLISH SPEAKING में ,,,

जैसे  I GO TO THE MARKET YESTERDAY    नहीं  बल्कि   I WENT  TO  THE  MARKET  YESTERDAY होना चाहिए था..............तब ये गलती बहुत IRRITATING लगती है।


और जब हमे कोई कहता है कि   I HAVE JUST GAVE  THE KEYS TO RAJU नहीं बल्कि  I HAVE JUST GIVEN THE KEYS TO RAJU  होना चाहिए ,,,,तो फिर  FORMS OF VERBS परेशान करने लगता है।

जब भी हम में से ज्यादातर लोग VERB FORMS की बात करते हैं , तो हमारे सामने एक लम्बी LIST आ जाती है , जिसे हमे स्कूल के दिनों में रटना पड़ा था ,,,,,और आज भी हमे लगता है कि हमें FORMS OF VERBS को रटना पड़ेगा।

परन्तु REALITY में ऐसा बिलकुल नहीं है ,,,,VERB FORMS को दिमाग में रखना बड़ा आसान है।  

70% Forms of Verbs तो Verbs के end में    -ed   लगाके ही  बन जाते  है 

CALL    ---- CALLED (2nd Form)  ----  CALLED (3rd Form) 
SHOUT ----- SHOUTED (2nd Form ) ----- SHOUTED (3rd Form ) 
FEAR  ------ FEARED (2nd form ) ------ FEARED (3rd Form )                 etc ........ 

बचे 30% Verbs में से सिर्फ 10 % ही सामान्य ENGLISH SPEAKING में USE होते हैं।  और इन 10% को रटा  नहीं जाता ,,,,बल्कि समझा जाता है ,,,,,,आइये जाने कैसे ::::: 

हमे सिर्फ और सिर्फ एक निश्चित पैटर्न  को समझना पड़ता है ,,,,,,

SIMILAR  PATTERN 1 :  ये वो शब्द (verbs ) हैं जिनकी 2nd & 3rd form CHANGE नहीं होती है।  

CUT , FIT , HIT , LET ,  PUT , SET , SHUT  ,  SPLIT,  UPSET , BURST , THRUST , KNIT , SPREAD , CONTACT ,  HURT  &  COST  etc..........

CUT   ------- CUT (2nd form ) ----------- CUT (3rd Form ) 
FIT  ---------- FIT (2nd Form ) -----------FIT ( 3rd Form ) 

SIMILAR PATTERN 2 :  

BEGIN  ---------- BEGAN (2nd form)  ---------- BEGUN (3rd form) 

    I    ------------  A  ------------- U      ये है पैटर्न 2nd form में I की जगह A लिखना है और U लिखना है 3rd form के लिए ,,,,यही पैटर्न  आपको बाकी इन शब्दों में भी USE करना है।  

OTHER VERBS having same Pattern : SWIM ,  RING ,  SING  , DRINK ,  SHRINK , STINK 


SIMILAR  PATTERN 3 :  

SLEEP  -------- SLEPT  --------  SLEPT     

पैटर्न ::  -eep   बन जायेगा -ept  2nd & 3rd form के लिए 

OTHER VERBS having same Pattern :  KEEP , SWEEP , WEEP , CREEP .....


SIMILAR PATTERN 4 :   

CHOOSE  ----------- CHOSE (ओ ) --------- CHOSEN (ओ - अन ) 
SPEAK   -----------    SPOKE (ओ )  ---------- -SPOKEN (ओ - अन ) 

OTHER VERBS having same Pattern :  BREAK ,  FREEZE , STEAL , SPEAK,  WAKE ,                                                                                   AWAKE , WEAVE 


SIMILAR PATTERN 5 :  

TEAR   ----------- TORE (ओर )  ------------------- TORN (ओर्न ) 
BEAR ------------ BORE   -------------------------- BORN 

OTHER VERBS having same Pattern :    WEAR , FORBEAR , SWEAR  etc.....



* SIMILAR PATTERN 4 (S.P 4)

पैटर्न :: Words end with – ought or-ught  (ओट )   
v2 = verb 2nd form   v3 = verb 3rd form
Think – thought (v2 = v3)         Bring – brought (v2= v3)      
Buy – bought (v2= v3)
Seek – sought (v2=v3)             Fight – fought (v2= v3)       
Catch – caught (v2= v3)

Teach – taught (v2 =v3)

SIMILAR PATTERN 7 ( SP 7) == 

   पैटर्न ::    --end  becomes  – ent
Bend – bent ,      lend – Lent ,    Send – Sent      Spend – spent    


SIMILAR PATTEN 9

V(1)                (V2)                (V3)                   V(1)                (V2)                (V3)
- O -                -ee- an -                                   - O -                - ee-an -

Arise               Arose            Arisen                Drive              Drove            Driven
Ride                Rode              Ridden              Rise                 Rose               Risen

Write             Wrote           Written 

SIMILAR PATTERN 10 (S.P 10)

V(1)                (V2 ew)         (V3 own)                  V(1)                (V2 ew)         (V3 own)
Grow               Grew              Grown,                      Fly                   Flew               Flown, 
 Blow               Blew              Blown,                       Know             Knew            Known
Draw              Drew              Drawn               Withdraw         Withdrew    Withdrawn

SIMILAR PATTERN 11 ( SP 11)

Deal             Dealt (V 2 & V3)        Dream           Dreamt (V 2 & V3)
Feel                Felt                             Mean            Meant
Kneel              Knelt                          Spill               spilt
Build               Built                            Burn               Burnt
Dwell               Dwelt                         Leave             Left
Learn             Learnt 
ऊपर दिए हुए SIMILAR PATTERNS कुछ उदहारण है जिससे ये बात CLEAR  हो जाती  है ,,,कि  FORMS OF VERBS  को रटा  नहीं जाता बल्कि समझा (OBSERVE ) जाता है।  


दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि   आपको  GRAMMAR या FORMS OF VERBS या कुछ भी ENGLISH LEARNING से सम्बंधित TOPIC किस तरह से पढ़ाया जा रहा है ,,,,,,,,,,रटवाके  या  समझाके  


मैं  आशा करता हूँ कि   मेरे  जरिये  जो  TIPS  पढ़  रहे होंगे ,,,वो आपका ENGLISH सीखने का नजरिया बिलकुल बदल रहा होगा और उसे आसान भी बना रहा होगा।  





Friday 18 July 2014

बने चैंपियन PRONUNCIATION (उच्चारण ) में by Following this CHAMPION TIP

FRIENDS पिछले ब्लॉग पोस्ट में हमने  " PARTS OF ENGLISH SPEAKING " में   discuss किया था और जाना था कि बिना अच्छे उच्चारण (PRONUNCIATION : प्रनन्सीएशन ) के हम अच्छी इंग्लिश नहीं बोल सकते है।

आज हम इस पोस्ट में कुछ PRONUNCIATION से जुड़े कुछ बहुत IMPORTANT POINTS discuss करेंगे जैसे : 


1.  गलत उच्चारण करने से क्या - क्या नुक्सान होते हैं।  
2.  हम सही उच्चारण जानने के बाद भी  गलत उच्चारण को क्यों जारी रखते हैं।  
3   हम कैसे अपने उच्चारण को IMPROVE कर सकते हैं।  


1 .  गलत उच्चारण करने से शब्द का तो मतलब बदलता ही है ,,साथ साथ पूरे SENTENCE का ही मतलब बदल जाता है।  


EXAMPLE 1:  Sometime I  SLEEP  while sitting in the bed 

अगर कोई व्यक्ति ऊपर लिखे हुए SENTENCE को कहता है और SLEEP को गलत उच्चारण करता है तो पुरे वाक्य का मतलब ही बदल जाता है 

CORRECT PRONUNCIATION :  स्लीप  :  कभी कभी मैं  बिस्तर में बैठे बैठे सो जाता हूँ 
INCORRECT PRONUNCIATION : स्लिप  : कभी कभी मैं बिस्तर में बैठे बैठे फिसल जाता हूँ 


EXAMPLE 2:  They SHOW a perfect picture of Music & Culture 



CORRECT PRONUNCIATION : शो     :  वे संगीत और सभ्यता का बेजोड़ रूप दिखाते हैं 
INCORRECT PRONUNCIATION : सॉ (देखा)  : उन्होंने संगीत और सभ्यता का बेजोड़ रूप देखा 

    ऊपर दिए हुए दो examples से ये clear हो गया है कि अगर हम किसी एक शब्द का भी उच्चारण गलत करते है ,,,तो पूरे SENTENCE का मतलब ही बदल जाता है।  

आइये देखे कुछ और वो WORDS जिनको MISPRONOUNCE (गलत उच्चारण ) करने से पूरे शब्द का ही मतलब बदल जाता है।  

BED & BAD ,  LEG & LAG ,  LIVE & LEAVE  , BEG & BAG ,  HEAT & HIT  etc. .... 


ENGLISH SPEAKING में कुछ शब्द ऐसे भी होते हैं जिनकी SPELLING तो एक ही होती है पर उच्चारण दो तरीको से किये जाते है और जैसा उच्चारण होता है ,,वैसा ही WORD का मतलब निकलता है।  

जैसे : BOW  इस शब्द को दो तरीको से उच्चारण किया जा सकता है 

    BOW (  बो )  :  धनुष           BOW ( बाउ ) :  झुकना  

ऐसे कई और शब्द हैं :  MINUTE ( मिनट   और    माइनूट ) ,  RESUME ( रिज्यूम  और  रज़एमे  ) 


2.  हम सही उच्चारण जानने के बाद भी  गलत उच्चारण को क्यों जारी रखते हैं।  

हमने कुछ टाइम पहले एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा था कि हम में ज्यादातर लोग अपने COMFORTABLE ZONE से बाहर  ना  आने की वजह से SPOKEN ENGLISH नहीं कर पाते और यही बात PRONUNCIATION पर भी लागू होती है।
हम में से ज्यादातर अपने COMFORTABLE ZONE में रहने की वजह से CHANGE को OPPOSE ( विरोध) करते हैं और इसलिए जैसा गलत उच्चारण करते हुए आ रहे है उसे जारी रखते हैं।

 और दूसरी वजह : :  हम ENGLISH WORDS का उच्चारण वैसे ही करते है भले गलत ही हो , जैसा दूसरे लोगो को समझ आता है क्यूंकि हम चाहते है कि सामने वाले के समझ आ जाये चाहे गलत ही उच्चारण हो।

3   हम कैसे अपने उच्चारण को IMPROVE कर सकते हैं।  

उच्चारण को IMPROVE करने का पहला और सबसे BEST तरीका है  OXFORD ADVANCE LEARNER DICTIONARY  का SOFTWARE  अपने कंप्यूटर में INSTALL करके जो मार्किट में डिक्शनरी के साथ फ्री मिलता है  या  अगर आप इंटरनेट इस्तेमाल करते है तो www.oxfordlearnersdictionaries.com  को इस्तेमाल करके।  

मेरी आप लोगो को सलाह है ,,,कि आप लोग सिर्फ और सिर्फ OXFORD की DICTIONARY ही ख़रीदे ,,क्यूंकि उसी में BRITISH ENGLISH होती है जो पूरे WORLD में FOLLOW  की जाती है।  



PRONUNCIATION को IMPROVE  करने का दूसरा तरीका है 

  PHONETIC LANGUAGE (फनेटिक भाषा )  का KNOWLEDGE होना

आप में से ज्यादातर लोगो ने PHONETIC LANGUAGE के बारे में शायद ही सुना 

होगा और सुना भी होगा तो शायद ही किसी एक आधे को ही पढ़नी  आती होगी।  पर अगर एक बार आपको 

PHONETIC  SYMBOLS  पढ़ने  आ गए तो फिर आप हर WORD को खुद ही CORRECTLY 
PRONOUNCE कर सकते हैं।  


अगले पोस्ट् में हम जानेंगे की PHONETIC LANGUAGE क्या होती है और इसे कैसे पढ़ा जाता है। 



PRONUNCIATION को IMPROVE  करने का तीसरा  तरीका है  : 

ENGLISH NEWS , ENGLISH MOVIES & SHOWS  and ENGLISH COMMENTARY etc.














Wednesday 16 July 2014

PARTS OF ENGLISH SPEAKING

आज हम इस पोस्ट के जरिये जानेंगे कि किसी भी भाषा बोलते हुए हमें किन किन पहलुओ पर ध्यान देना चाहिए चाहे वो भाषा ENGLISH हो या FRENCH ...........

कोई भी भाषा बोलना केवल उस भाषा के शब्दों को ही बोलना भर नहीं है , बल्कि भाषा बोलना एक तरीका है जिसके जरिये कोई भी अपने को EXPRESS (व्यक्त ) करता है और अपना MESSAGE दूसरे व्यक्ति को भेजता है  और इसलिए कोई भी भाषा बोलते समय हमे 4 चीजों पर ध्यान देना चाहिए

PARTS OF ENGLISH SPEAKING 


1.  AUDIBILITY & CLARITY  ( औडिबिलिटी और क्लैरिटी )  
English Speaking करते हुए आवाज़ सुन ने वाले के लिए AUDIBLE (सुन ने लायक ) होनी चाहिए। ज्यादातर बार ऐसा होता है कि जब भी कोई ENGLISH SPEAKING START करता है , तो वो इस वो CONFIDENCE की कमी के कारण धीमा (SOFT ) बोलता है और सामने वाला उसे समझ नहीं पाता।  

क्यूंकि हम इंग्लिश बोलने में STARTER होते हैं , इसलिए हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए कि हमारे जितने भी SENTENCES हैं वो पुरे सुने जाने चाहिए 
दूसरी बात क्यूंकि हम शुरुआत में इंग्लिश बोलने  में पूरे CONFIDENT  नहीं होते ,,,इसलिए हमे हर शब्द साफ़ साफ़ (clear ) बोलना चाहिए।  

2.  EYE CONTACT & BODY LANGUAGE :

ज्यादातर लोग ENGLISH SPEAKING सीखते हुए ENGLISH TEACHER या किसी और इंग्लिश बोलने वाला कैसे बोल रहा है ,,,इस पर अधिकतर ध्यान देते हैं और जब वो भी बोलने की कोशिश करते हैं तो उनका भी ज्यादातर ध्यान GRAMMAR और दूसरा व्यक्ति उन्हें समझ पा रहा है या नहीं इस पर ज्यादा ध्यान होता है और इस डर के कारण वो उस व्यक्ति से नज़रे मिलाकर  (EYE CONTACT) बात नहीं कर पाते और दूसरी बात  वो बात करते हुए अपने शरीर के हाव भावो (BODY LANGUAGE ) पर भी ध्यान नहीं दे पाते ,,,,,,,,,,, जिसकी वजह से सामने वाला व्यक्ति CONVERSATION में INTEREST खो देता है और जो आप कहना चाहते है वो वह MESSAGE समझ नहीं पाते हैं।  

इसलिए बात करते हुए ज्यादा  से ज्यादा कोशिश करें की सामने वाले से नज़रे मिलाये या उसके माथे पर देख  करें  और दूसरी बात बात करते हुए ज्यादा हिले नहीं ,,तभी आपको सुन ने वाला आप में दिलचस्पी लेगा और आपको समझेगा 


3.  PRONUNCIATION (उच्चारण ) :  

प्रोनोउन्सिएशन  नहीं  बल्कि प्रनन्सीएशन ,,,,,,ज्यादातर लोग कहते है की मेरा प्रोनोउन्सिएशन तो ठीक है पर GRAMMAR या VOCAB कमजोर है ,,,,तो आप लोग खुद समझ सकते है ,,कि वो कितनी गलत्फैमियों में होते होंगे और कितना गलत उच्चारण करते होंगी बोलते हुए।  

उच्चारण ENGLISH SPEAKING में एक ऐसा विषय है ,,,जिसपे हमारे स्कूल टीचर्स या हमारे सीनियर्स सबसे कम ध्यान देते हैं।  और इसी वजह से हमारा उच्चारण इतना ख़राब हो जाता है की उसे सुधरने में बहुत समय लग जाता है। हम WORDS की SPELLINGS लिखकर सीखते हैं पर हम उच्चारण (PRONUNCIATION) आस पास के बोलते हुए लोगो से सुन कर ही सीखते हैं।  इसलिए हमारे उच्चारण में हमारे TEACHERS , सीनियर्स और दोस्तों का सबसे बड़ा योगदान होता है।  

PRONUNCIATION  किसी भी भाषा में सबसे ज्यादा IMPORTANT ROLE PLAY करता है क्यूंकि अगर WORDS को गलत तरह से उच्चारण किया जाता है तो SENTENCE का पूरा MEANING बदल जाता है और कभी कभी तो SITUATION बहुत शर्मिंदगी भरी हो जाती है।  अगले पोस्ट में जानेंगे कि PRONUNCIATION कैसे सुधारा जा सकता है।  


4.   FULL EXPRESSION while SPEAKING 

 जब भी कोई इंसान बोलता है , तो हम उसके बोलने के अंदाज़ से उसकी मन की स्थिति का पता लगा लेते है।  
जैसे जब कोई उदास होता है तो उसके स्वर धीमे और रुंधे हुए होते हैं, वो उदास व्यक्ति कितनी भी कोशिश कर ले पर पर उसकी भासा का अंदाज़ उसके EXPRESSION (भावनाओ ) को व्यक्त कर ही देता है।  

उसी तरह जब कोई इंसान बहुत खुश होता है तो उसके स्वर उच्चे और उसकी आवाज़ में BOLDNESS होती है।  
उसी तरह जब कोई व्यक्ति बहुत डरा होता है , तो उसकी आवाज़ में कपकपी और खौफ होता है।  


ये सब बताने का मेरा एक ही मतलब है ,,,की यही बाते हमे ENGLISH SPEAKING करते हुए अपने ENGLISH WORDS या SENTENCES में लागू करनी होती है ,,,तभी हम जो भाव व्यक्त करना चाहते है ,,,वो सही तरह से व्यक्त हो पाते हैं।  

Sunday 13 July 2014

बिना अच्छे शब्दकोष (Word Power / Vocab ) के बोले अच्छी ENGLISH : कैसे

FRIENDS आज हम वो ISSUE DISCUSS करने जा रहे हैं , जो हर  उस इंसान को MATTER करता है जो इंग्लिश सीखना चाहता है या अपनी इंग्लिश IMPROVE करना चाहता है और वो है

शब्दों  का ज्ञान  /  WORD POWER /  
VOCABULARY STRENGTH / 
KNOWLEDGE OF WORDS 

आप इसे ऊपर दिए हुए किसी भी नाम से जानते होंगे , पर ये आप लोगो को इंग्लिश बोलते हुए बहुत MATTER करता होगा। 

पर अगर मैं आपसे बोलू कि अच्छी इंग्लिश बोलने के लिए WORD POWER अच्छा होना जरुरी नहीं है , तो शायद ही आप लोग मुझसे सहमत (AGREE) होंगे 

आइये जाने कैसे बिना अच्छी VOCABULARY के हम अच्छी ENGLISH बोल सकते है।  

VOCABULARY का meaning ज्यादातर लोग किसी भी हिंदी शब्द का ENGLISH WORD क्या होगा ये समझते है या फिर अगर मैं कहूँ कि उन्हें स्कूल से ही किसी भी शब्द का अनुवाद (TRANSLATION) करने की आदत पड़ी होती है, तो गलत न होगा। 

जैसे ज्यादातर लोग ENGLISH SENTENCE बोलते हुए किसी हिंदी शब्द को सोचते हुए उसका ENGLISH WORD बोलने की कोशिश करते है और अगर उस हिंदी शब्द का ENGLISH WORD नहीं मिलता तो वो SENTENCE ही नहीं बोलते और कहते है की


मैं ENGLISH SPEAKING इसलिए नहीं कर पाता  क्यूंकि मेरी VOCAB अच्छी नहीं है। 

जैसे  बोलना हो  ::  1) मैं तुमसे प्यार नहीं करता     ----    I   don't    LOVE   you 
                            2) में तुमसे नफरत नहीं करता  ----    I   don't    HATE    you 

                            3) मैं  तुम्हारी बुराई नहीं करता हूँ ----  I don't  (meaning of बुराई) you
                            4) मैं  तुम पर शक़  नहीं करता हूँ   ---  I don't  (meaning of शक़ ) you

अब जो लोग इस तरह अनुवाद करके SENTENCES बनाते है वही VOCABULARY के चक्कर में पड़ कर ENGLISH SPEAKING नहीं कर पाते हैं  ,,,हमने पिछले BLOG में भी discuss किया था कि  ENGLISH SPEAKING करते हुए हमें TRANSLATION पर नहीं बल्कि SENTENCE के MEANING पर ध्यान देकर ENGLISH SPEAKING करनी चाहिए।

अब जिन लोगों को  "बुराई"  या "शक"  का ENGLISH WORD नहीं आता होगा तो क्या वो इस SITUATION में english sentence नहीं बोलेंगे क्या ???? 

बोलेंगे   ऐसे   :   3)  I don't  say  bad words about you  
                                                    OR 
                             I don't discuss anything wrong about you with anyone 

                        4)  I always trust you  OR  I don't have doubt on your actions 

 मतलब साफ़ है कि   अगर  "बुराई "  या  "शक " का ENGLISH WORD जो  "CRITICIZE " and "SUSPECT" होता है  नहीं भी आता हो ,,,तो भी इस SITUATION में ENGLISH SPEAKING हो सकती है।  



हमें कुछ और WORDS को USE करके ENGLISH SPEAKING करनी चाहिये ,,,,पर SENTENCE का MEANING  नहीं बदलना चाहिए भले ही TRANSLATION बदल जाये।  
















Thursday 10 July 2014

ENGLISH SPEAKING करें न की TRANSLATION अनुवाद : Very Very Imp. Tip

FRIENDS  आज हम ENGLISH SPEAKING में वो सबसे IMPORTANT  ISSUE  DISCUSS करेंगे जिसे discuss करने के बाद आपको ENGLISH SPEAKING करने में बिलकुल भी कठिनाई नहीं आएगी और आप
FLUENT ENGLISH बोलने की और बढ़ने लग जाओगे।  

FRIENDS हम में से ज्यादातर लोग जब भी ENGLISH SPEAKING की शुरुआत करते है ,,तो जो सबसे बड़ी गलती हम करते है ,,,वो है की किसि भी SITUATION में जब हमे कोई ENGLISH SENTENCE बोलना होता है , तो सबसे पहले उस SENTENCE की  HINDI हमारे दिमाग में आती है और हम उस HINDI SENTENCE का अनुवाद या TRANSLATION करने की कोशिश करने लगते है ....और  यही वो गलती है  जिसकी वजह से ज्यादातर लोग अच्छी इंग्लिश नहीं बोल पाते हैं।  

दोस्तों  TRANSLATION (अनुवाद ) करके EXAMS पास  किया  जा सकता है न की 
ENGLISH SPEAKING 

चलिए कुछ EXAMPLES देखते हैं और जानते है कि TRANSLATION करने से क्या क्या घाटे हैं 

SUPPOSE दो दोस्त हैं       AJAY   &   VINAY 
AJAY हर SENTENCE को अनुवाद करके बोलता है    जबकि  VINAY  हिंदी न सोचके बोलता है 

दोनों अलग अलग कोचिंग इंस्टिट्यूट में ENGLISH COACHING की INFORMATION लेने जाते है 
अजय  SHARMA SPOKEN CLASSES  में जाता है और विनय VERMA SPOKEN CLASSES में।  

दोनों ही INFORMATION लेने के लिए कुछ SIMILAR प्रश्न पूछते है जैसे : - -

Q.1  आपके इंस्टीटुए में कितने बच्चे हैं ? 
Q.2  कौन सर इंग्लिश पढ़ाते हैं ? 
Q.3 एक बेच में कितने बच्चे पढ़ते हैं ? 
Q.4 पुरे कोर्स की कितनी फीस है ? 

                       AJAY                                                                       
Q.1  How many students are there in your institute ?           
Q.2  Which Sir teaches English ?                                       
Q.3  How many students are there in one batch ?               
Q.4  How much is the fee of  complete course ?                
                    VIJAY 
Q.1  Tell me the total number of students
Q.2  Tell me the name of English teacher
Q.3  Tell me the number of students in one batch
Q.4  Tell me the fee of complete course


अब आप खुद देख सकते है क़ि दोनों ने जो इंग्लिश में QUESTIONS पूछे है , उनका MEANING SAME है 
पर विजय के SENTENCES अजय के SENTENCES की तुलना में बहुत बहुत आसान है और सभी एक जैसे है जबकि विजय के sentences में ग्रामर का ज्यादा USE दिख रहा है।  

इस से यही बात सिद्ध होती है कि जरुरी नहीं है की हमे पूरा अनुवाद या पूरी ग्रामर आये और तभी हम इंग्लिश बोले ........ENGLISH में एक ही SENTENCE को कई तरीको से बोला जा सकता है और हमे हमेशा सबसे सरल और प्रभावशाली तरीका इन्स्तेमाल करना चाहिए , जैसे विजय कर रहा है।  


मान लीजिये किसी को QUESTION WORDS का पूरा और ढंग से KNOWLEDGE नहीं है , तो क्या वो इंग्लिश में प्रश्न पूछ ही नहीं पायेगा। ………। बिलकुल नहीं ....... अगर हम meaning को ध्यान में रखते हुए sentence को किसी और तरीके से बोले तो हम आसानी से इंग्लिश बोल सकते है।  

इसलिए      

TRANSLATION पर ध्यान न दे ,SENTENCE के MEANING पर ध्यान दे ....ENGLISH अपने आप बोलनी आ जाएगी 






Monday 7 July 2014

ENGLISH एक PROFESSIONAL / FORMAL भाषा है , न की PERSONAL

FRIENDS मैंने पिछले पोस्ट में कहा था की हम आगे जानेंगे की हमे शुरुआत में कौन कौन से SENTENCES बोलने शुरू करने है और किन लोगो के साथ हमे शुरुआत करनी है। 

चलिए LET'S START :    

ज्यादातर लोग जब  इंग्लिश बोलने की सीखने की शुरुआत करते हैं या इंग्लिश बोलने के लिए कोई COACHING ACADEMY ज्वाइन करते हैं , तो उनके TEACHERS या SENIORS उन्हें एक COMMON ADVICE या TIP देते हैं  कि अगर अच्छी इंग्लिश बोलनी सीखनी है ,,,तो बिना SPEAKING PRACTICE के POSSIBLE नहीं है।  

वो बिलकुल सही कहते है पर फिर भी ज्यादातर लोग इंग्लिश बोलना क्यों नहीं सीख पाते ????  


                    क्योंकि वो ये नहीं बताते कि  SPEAKING PRACTICE किन लोगों के  साथ  करनी है 
                          और कौन-2 से SENTENCES से  PRACTICE start  करनी है 

           और आप फिर हर SITUATION में ENGLISH SPEAKING की कोशिश करते हो  और हर किसी  के साथ              जिस से आपको वो RESULTS नहीं मिलते जिनकी आप EXPECTATION (उम्मीद ) करते हो।  

ENGLISH एक प्रोफेशनल भाषा के तौर पर USE की जाती है ,,,इसलिए हमे इंग्लिश प्रोफेशनल जगहों में बोलनी चाहिए और नए लोगो के  साथ बोलनी चाहिए   क्यूंकि नए लोगो के साथ आपका कोई COMFORTABLE ZONE 
पहले से नहीं बना होता , इसलिए उन्हें जैसा ZONE आप PROVIDE करते हो , उनके साथ वैसा ही ZONE बन जाता है और दूसरी बात नए लोग आपके  साथ न तो पहले से किसी एक लैंग्वेज में COMFORTABLE होते है और न ही आपके साथ INFORMAL और इसलिए वो न तो आपको MISTAKES करने पर टोकते है और न ही आपको DEMOTIVATE करते हैं।  

SOME SITUATIONS :   
Talking with a Waiter or a Manager at a Restaurant
Talking with a Teacher or a Principal 
Talking with a Receptionist 
Talking with a Marketing Person 
TALKING  WITH YOUR  GROWING  CHILDREN  -- BEST SITUATION 

ALL  THE  BEST  FRIENDS ..........





Friday 4 July 2014

GRAMMAR जानने से पहले ENGLISH बोलना शुरू करे : E CHAMP TIP 3

FRIENDS पिछले पोस्ट में मैंने आपसे वादा किया था की हम GRAMMAR RULES के चक्कर में  पड़े बिना कैसे GRAMMATICAL ENGLISH बोलेंगे।

चलिए शुरुआत करते है :

FRIENDS मैंने अपने करियर में हज़ारो STUDENTS को इंग्लिश बोलनी सिखाई और जो बोलने में सफल हो गए और जो नहीं हो पाये ,,,उन दोनों में सिर्फ एक ही DIFFERENCE पाया

जो कुछ समय बाद अच्छी ENGLISH बोलने लगे ,,,,उन्होंने पहले दिन से ही सिर्फ बोलना शुरू कर दिया 
और जो नहीं बोल पाये ,,उन्होंने पहले दिन से ही GRAMMAR के बारे में सोचना शुरू कर दिया 

शायद आप समझ गए होंगे की मैं  क्या बोलना चाहता हूँ।  

और अब आपको समझ आ गया  होगा क़ि  आपको STARTING में इंग्लिश बोलने के लिए सिर्फ इंग्लिश बोलना है , न की सही इंग्लिश बोलने के लिए बोलना है ,,,,,

आप बोलना तो शुरू करो ,,,,हाँ मैं कह रहा हूँ की आप सिर्फ बोलना शुरू तो करो ,,,GRAMMAR तो अपने आप आने वाले POSTS के जरिये मैं बता दूंगा जैसे कई हज़ार बच्चो को बताई।  


अगले POST में हम जानेंगे की हमे शुरुआत में कौन कौन से SENTENCES बोलने शुरू करने है और किन लोगो के साथ हमे शुरुआत करनी है।  






Thursday 3 July 2014

GRAMMAR RULES रटे बिना बोले GRAMMATICAL इंग्लिश (RIGHT ENGLISH)

GRAMMAR RULES  रटे  बिना बोले GRAMMATICAL इंग्लिश (RIGHT ENGLISH) 


Friends इस से पहले POST में आप लोगो ने जाना था कि GRAMMAR RULES को याद करके आप सिर्फ EXAMS पास कर सकते हो , पर GRAMMATICAL इंग्लिश नहीं बोल सकते और अगर नहीं बोल सकते, तो प्रश्न उठता है की ---- 

हम कैसे GRAMMATICAL ENGLISH ( RIGHT ENGLISH) बोल सकते है ?????

क्या आप अपनी मातृभाषा GRAMMATICAL बोलते हो ,,,हाँ हम सभी अपनी मात्रभाषा बिना GRAMMAR RULES रटे बिना GRAMMATICAL बोलते हैं।  और ये हम इसलिए बोल पाते हैं क्यूंकि 

हम अपनी मातृभाषा बचपन से ही GRAMMATICAL MISTAKES करते करते एक दिन पूरी तरह से RIGHT हिंदी बोलने लगते हैं।  इसके लिए हम GRAMMAR APPLY तो करते है पर कभी अलग से GRAMMAR पढते या रटते नहीं , जबकि ENGLISH बोलने या सीखने के लिए हम GRAMMAR अलग से पढ़ते या रटते हैं और इसलिए जब बोलना होता है या लिखना होता है इंग्लिश में ,,तो हमारे दिमाग में GRAMMAR RULES की खिचड़ी बन जाती है और हम  CONFUSE हो जाते हो।   

आईये आज से हम जानेंगे की GRAMMAR RULES को बिना रटे या पढे कैसे GRAMMATICAL ENGLISH  बोल सकते हैं।    

LET'S START  PRACTICING  ENGLISH  SPEAKING & WRITING FROM TODAY
(आईये आज से शुरू करें GRAMMATICAL ENGLISH बोलना और लिखना )  

Tuesday 1 July 2014

RULES याद करके LANGUAGE नहीं बोली जा सकती है ,, सिर्फ EXAM पास किया जा सकता है।

दोस्तों आज हम इस POST से जानेंगे की  हम ENGLISH GRAMMAR के RULES पढने के बाद भी और उन्हें याद करने के बाद भी ENGLISH क्यों नहीं बोल पाते , जबकि MARKET में इंग्लिश सीखने की कई तरह की BOOKS और INSTITUTE available (उपलब्ध) हैं।

क्या आपने कभी NOTICE किया कि आपने GRAMMAR के RULES कब सीखे या याद किये थे।  

हाँ स्कूल में जरूर सीखे होंगे या याद किये होंगे ,,,,पर कभी सोचा की क्यों सीखे या याद किये थे ,,,,या अगर मैं  कहूँ की आपने स्कुल में जो भी सीखा या याद किया  वो  क्यों किया था ,,,तो आप यही बोलेंगे की EXAMS PASS करने के लिए या अच्छे MARKS के लिए और ये सच है की ज्यादातर लोगो ने  सिर्फ EXAMS पास करने के लिए ही ENGLISH GRAMMAR RULES पढ़े।

और अगर मै कहूँ कि  वो GRAMMAR RULES भी मज़बूरी या मन मार के पढ़े , तो झूठ नहीं होगा।  

बार बार आपने यही किया जब जब GRAMMAR RULES पढने पड़े , उन्हें मज़बूरी में पढ़ा और EXAM देकर उन RULES से अपना पीछा छुड़ाया और ऐसा करते करते आपको GRAMMAR RULES से आपको नफरत सी हो गयी और जब जब आपने कोई SPOKEN ENGLISH की कोई बुक खोली तो आपको उसे कुछ दिन पढ़ा और जैसे ही उस BOOK में GRAMMAR RULES देखे , उस किताब को बंद कर दिया या आप ENGLISH नहीं सीख पाये ,,,क्यूंकि जिस से आप बचपन से बचते रहे , वही  GRAMMAR RULES आपको परेशान करने आ गए।


इसलिए अब आप कैसे उन RULES को याद करके ENGLISH SPEAKING  कर सकते हो।  कभी नहीं कर सकते।  क्यूंकि RULES को याद नहीं किया जाता ,,सिर्फ और सिर्फ समझा जाता है और जो लोग समझते है वही ENGLISH SPEAKING आसानी से कर लेते है।  


अगले पोस्ट में हम जानेंगे की हम ENGLISH GRAMMAR RULES को कैसे आसानी से समझ सकते है और कैसे आसानी से GRAMMATICAL ENGLISH बोल सकते है।





आपको इंग्लिश बोलनी आती है और आप में ENGLISH SPEAKING का CONFIDENCE हमेशा रहता है

दोस्तों आज इस पोस्ट से हम जानेंगे की कैसे हम अपनी MISCONCEPTION ( गलत धरना या सोच) की वजह से इंग्लिश बोलने का CONFIDENCE जुटा नहीं पाते और जितना हमे KNOWLEDGE होता है उतना भी नहीं बोल पाते।

हम में ENGLISH SPEAKING का CONFIDENCE हमेशा रहता है, पर हम अपनी गलत सोच या पूर्वधारणा (PRE-CONCEPTION) की वजह से CONFIDENCE होते हुए भी नहीं बोलते है .........


  हाँ मैं फिर कह रहा हूँ  की  --हम बोलते नहीं है ,,,,ये नहीं कहा की ---हम बोल नहीं पाते


आइये  जाने कैसे !  चलिए मैं  आपको कुछ SENTENCES देता हूँ  जो आपने दो अलग-2 SITUATIONS में बोलने हैं।  

WHAT  IS  YOUR  NAME ? 
WHERE  DO  YOU  LIVE ? 
WHO  LOVES YOU  MORE : FATHER OR MOTHER ? 
IN WHICH CLASS DO YOU STUDY ? 
DO  YOU  LIKE  CHOWMIN ? 
HOW  IS  YOUR  LIFE  GOING  ON ? 
WHEN DO YOU SLEEP AT NIGHT ? 
WHEN DO YOU WAKE UP ? 
DO YOU WATCH CARTOON ? 

SITUATION 1 : यह SENTENCES आपको CLASS 3rd या उस से छोटी क्लास के बच्चो के साथ बोलने हैं।  
SITUATION 2 :  यही SENTENCES अब आपको अपने दोस्तों के साथ बोलने हैं या किसी SENIORS के साथ ।  

दोनों SITUATIONS में बोलते वक़्त आप देखेंगे की आप 1st SITUATION में अपने को ज्यादा COMFORTABLE पाते हैं और बड़ी आसानी से 1st SITUATION में यह SENTENCES बोल लेते हैं।  

जबकि यही SENTENCES आप अपने दोस्तों या सीनियर्स के साथ बोलने में HESITATE (हिचकते हैं) और अटकते भी है और UNCOMFORTABLE भी हो जाते हैं।  

ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि आप अपने MIND में पहले से ही धारणा बना लेते हैं की बड़े या आपके दोस्त आपकी इंग्लिश स्पीकिंग में MISTAKES निकाल सकते हैं (जो कभी न हुआ और न होता है ) , जबकि छोटे बच्चे ये करने में असफल हो जायेंगे , यही पूर्वधारणा (PRE-CONCEPTION) आपको इंग्लिश स्पीकिंग करने से रोकता है।  
जो लोग इस धारणा या सोच को न रखते हुए ENGLISH SPEAKING करते हैं वो दोनों SITUATIONS में एक जैसी ENGLISH बड़ी आसानी से बोल लेते हैं। 

उनके लिए ये ज्यादा IMPORTANT नहीं होता की सामने कौन है , उनके लिए ज्यादा IMPORTANT ये होता है की उन्हें बोलना क्या है और आपके लिए भी  यही ज्यादा IMPORTANT होना चाहिए , तभी आप हर इंसान के सामने एक जैसी इंग्लिश बोल पाओगे।   

हमारे अंदर इंग्लिश बोलने का CONFIDENCE हमेशा रहता है पर हम सामने वाले को अपने से SUPERIOR समझ के ही ENGLISH नहीं बोलते है , जबकि हम ये बात कभी नहीं सोचते कि दूसरा इंसान हमे कभी इंग्लिश बोलते हुए टोकेगा नहीं।