Wednesday, 16 July 2014

PARTS OF ENGLISH SPEAKING

आज हम इस पोस्ट के जरिये जानेंगे कि किसी भी भाषा बोलते हुए हमें किन किन पहलुओ पर ध्यान देना चाहिए चाहे वो भाषा ENGLISH हो या FRENCH ...........

कोई भी भाषा बोलना केवल उस भाषा के शब्दों को ही बोलना भर नहीं है , बल्कि भाषा बोलना एक तरीका है जिसके जरिये कोई भी अपने को EXPRESS (व्यक्त ) करता है और अपना MESSAGE दूसरे व्यक्ति को भेजता है  और इसलिए कोई भी भाषा बोलते समय हमे 4 चीजों पर ध्यान देना चाहिए

PARTS OF ENGLISH SPEAKING 


1.  AUDIBILITY & CLARITY  ( औडिबिलिटी और क्लैरिटी )  
English Speaking करते हुए आवाज़ सुन ने वाले के लिए AUDIBLE (सुन ने लायक ) होनी चाहिए। ज्यादातर बार ऐसा होता है कि जब भी कोई ENGLISH SPEAKING START करता है , तो वो इस वो CONFIDENCE की कमी के कारण धीमा (SOFT ) बोलता है और सामने वाला उसे समझ नहीं पाता।  

क्यूंकि हम इंग्लिश बोलने में STARTER होते हैं , इसलिए हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए कि हमारे जितने भी SENTENCES हैं वो पुरे सुने जाने चाहिए 
दूसरी बात क्यूंकि हम शुरुआत में इंग्लिश बोलने  में पूरे CONFIDENT  नहीं होते ,,,इसलिए हमे हर शब्द साफ़ साफ़ (clear ) बोलना चाहिए।  

2.  EYE CONTACT & BODY LANGUAGE :

ज्यादातर लोग ENGLISH SPEAKING सीखते हुए ENGLISH TEACHER या किसी और इंग्लिश बोलने वाला कैसे बोल रहा है ,,,इस पर अधिकतर ध्यान देते हैं और जब वो भी बोलने की कोशिश करते हैं तो उनका भी ज्यादातर ध्यान GRAMMAR और दूसरा व्यक्ति उन्हें समझ पा रहा है या नहीं इस पर ज्यादा ध्यान होता है और इस डर के कारण वो उस व्यक्ति से नज़रे मिलाकर  (EYE CONTACT) बात नहीं कर पाते और दूसरी बात  वो बात करते हुए अपने शरीर के हाव भावो (BODY LANGUAGE ) पर भी ध्यान नहीं दे पाते ,,,,,,,,,,, जिसकी वजह से सामने वाला व्यक्ति CONVERSATION में INTEREST खो देता है और जो आप कहना चाहते है वो वह MESSAGE समझ नहीं पाते हैं।  

इसलिए बात करते हुए ज्यादा  से ज्यादा कोशिश करें की सामने वाले से नज़रे मिलाये या उसके माथे पर देख  करें  और दूसरी बात बात करते हुए ज्यादा हिले नहीं ,,तभी आपको सुन ने वाला आप में दिलचस्पी लेगा और आपको समझेगा 


3.  PRONUNCIATION (उच्चारण ) :  

प्रोनोउन्सिएशन  नहीं  बल्कि प्रनन्सीएशन ,,,,,,ज्यादातर लोग कहते है की मेरा प्रोनोउन्सिएशन तो ठीक है पर GRAMMAR या VOCAB कमजोर है ,,,,तो आप लोग खुद समझ सकते है ,,कि वो कितनी गलत्फैमियों में होते होंगे और कितना गलत उच्चारण करते होंगी बोलते हुए।  

उच्चारण ENGLISH SPEAKING में एक ऐसा विषय है ,,,जिसपे हमारे स्कूल टीचर्स या हमारे सीनियर्स सबसे कम ध्यान देते हैं।  और इसी वजह से हमारा उच्चारण इतना ख़राब हो जाता है की उसे सुधरने में बहुत समय लग जाता है। हम WORDS की SPELLINGS लिखकर सीखते हैं पर हम उच्चारण (PRONUNCIATION) आस पास के बोलते हुए लोगो से सुन कर ही सीखते हैं।  इसलिए हमारे उच्चारण में हमारे TEACHERS , सीनियर्स और दोस्तों का सबसे बड़ा योगदान होता है।  

PRONUNCIATION  किसी भी भाषा में सबसे ज्यादा IMPORTANT ROLE PLAY करता है क्यूंकि अगर WORDS को गलत तरह से उच्चारण किया जाता है तो SENTENCE का पूरा MEANING बदल जाता है और कभी कभी तो SITUATION बहुत शर्मिंदगी भरी हो जाती है।  अगले पोस्ट में जानेंगे कि PRONUNCIATION कैसे सुधारा जा सकता है।  


4.   FULL EXPRESSION while SPEAKING 

 जब भी कोई इंसान बोलता है , तो हम उसके बोलने के अंदाज़ से उसकी मन की स्थिति का पता लगा लेते है।  
जैसे जब कोई उदास होता है तो उसके स्वर धीमे और रुंधे हुए होते हैं, वो उदास व्यक्ति कितनी भी कोशिश कर ले पर पर उसकी भासा का अंदाज़ उसके EXPRESSION (भावनाओ ) को व्यक्त कर ही देता है।  

उसी तरह जब कोई इंसान बहुत खुश होता है तो उसके स्वर उच्चे और उसकी आवाज़ में BOLDNESS होती है।  
उसी तरह जब कोई व्यक्ति बहुत डरा होता है , तो उसकी आवाज़ में कपकपी और खौफ होता है।  


ये सब बताने का मेरा एक ही मतलब है ,,,की यही बाते हमे ENGLISH SPEAKING करते हुए अपने ENGLISH WORDS या SENTENCES में लागू करनी होती है ,,,तभी हम जो भाव व्यक्त करना चाहते है ,,,वो सही तरह से व्यक्त हो पाते हैं।  

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